


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर दीपावली पर्व पर मध्यप्रदेश और विशेषकर पश्चिम मध्यप्रदेश के राजस्व क्षेत्र में कृष्ण मृगों (काला हिरण) द्वारा खेतों की फसलों को वन्य-जीवों से बचाने के लिये दक्षिण अफ्रीका की कंजरवेशन सॉल्यूशंस एवं वन विभाग की टीम द्वारा हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक से कृष्ण मृगों को पकड़ने का अभियान शाजापुर जिले में शुरू किया गया है।
पहली बार देश में यह अभियान शुरू किया गया है
मुख्य वन संरक्षक उज्जैन श्री एम.आर. बघेल ने बताया कि शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील के इमलीखेड़ा गाँव से 34 काले हिरणों को किसानों के खेतों से पकड़ कर गाँधी सागर वन्य-जीव अभयारण्य के जंगल में छोड़ा गया। इससे किसानों की फसल नुकसान में कमी आयेगी। इस तकनीक से पहली बार देश में यह अभियान शुरू किया गया है। शाजापुर जिले में 5 नवम्बर तक अभियान चलेगा। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से किसी भी वन्य-जीव को कोई नुकसान नहीं हुआ है। जिले में 400 काले हिरण और 100 नीलगाय पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
बोमा तकनीक दक्षिण अफ्रीका में विकसित की गई
बोमा तकनीक दक्षिण अफ्रीका में विकसित की गई है और इसमें वन्यजीवों को बिना ट्रैंक्युलाइज यानि बेहोश किए बिना ही सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जाता है। प्रक्रिया की शुरुआत हेलीकॉप्टर से की जाती है, जो जानवरों को धीरे-धीरे एक बड़े घेरे की ओर बढ़ाता है। बोमा तकनीक एक अफ्रीकी वन्यजीव प्रबंधन तकनीक है, जिसमें जानवरों को फनल (कीप) के आकार की बाड़ के माध्यम से एक केंद्रीय बाड़े में फंसाया जाता है। यह फनल, जिसे घास और हरे जाल से ढका जाता है जिससे यह जानवरों के लिए अपारदर्शी हो, जानवरों को वाहन में लोड करके दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करता है।